नए छत्तीसगढ़ की पहचान - नया रायपुर
नया रायपुर देश की
सर्वश्रेष्ठ राजधानी बनने की ओर अग्रसर है। छत्तीसगढ़ का नया मंत्रालय भवन लगभग
तैयार है और जल्दी ही राज्य के मंत्री व अधिकारी यहां बैठकर प्रदेश का राज-काज
चलाएंगे। मंत्रालय
भवन के साथ ही नज़दीक में बन रहे विभाग प्रमुखों का दफ़्तर भी पूर्णता की ओर है। 1 नवंबर से प्रदेश का नया मंत्रालय भीड़-भाड़ वाले पुराने रायपुर शहर से
निकलकर पूरी तरह ‘इको-फ्रेंडली’ नई राजधानी नया रायपुर से संचालित होने लगेगी। एक
श्रेष्ठ प्रशासनिक शहर की हर ज़रूरतों और सुविधाओं से लैस नया रायपुर विकास की नई
कहानियां गढ़ते छत्तीसगढ़ की एक अभिनव तस्वीर पेश करेगा।
8000 हेक्टेयर से
अधिक क्षेत्र में फैला नया रायपुर 40 सेक्टरों में विभाजित है। मंदिरहसौद और
अभनपुर से सटे इलाक़े के 27 गांवों में नया रायपुर विकास की नई इबारत लिख रहा है। यहां यह बात ग़ौर
करने लायक है कि नई राजधानी की स्थापना के लिए केवल राखी गांव के कुछ घरों को विस्थापित
करने की ज़रूरत पड़ी है। विस्थापित लोगों को सर्वसुविधायुक्त पक्के मकान बनाकर उसी
गांव में बसाया गया है। बाक़ी 26 गांवों का अस्तित्व अपने मूल स्वरूप में अब भी
बरक़रार है। सभी गांवों में राजधानी के अनुरूप बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा
रही हैं। इन गांवों में शहरी अधोसंरचनाओं का विकास कर स्थानीय लोगों के लिए रोज़गारोन्मुखी
कार्यक्रम चलाए जाएंगे। विकास की नई गाथा लिखते छत्तीसगढ़ के जन-सरोकारी सरकार की
प्रतिबद्धता की यह बानगी भर है। ‘सबके साथ सबका विकास’ नई राजधानी के निर्माण में भी चरितार्थ हो रहा है।
नया रायपुर अनोखी
विशेषताओं वाला शहर होगा। हरियाली से भरपूर, पूरी तरह प्रदूषण मुक्त यह ‘इको-फ्रेंडली’ शहर होगा। नया रायपुर में 26.37 प्रतिशत भूमि
आवासीय, 26.67 प्रतिशत हरित क्षेत्र, 23.04 प्रतिशत सार्वजनिक व अर्धसार्वजनिक
उपयोग, 12.55 प्रतिशत यातायात एवं शेष 11.37 प्रतिशत भूमि व्यवसायिक, औद्योगिक एवं
मिश्रित इस्तेमाल के लिए होगी। यहां की पूरी विद्युत व्यवस्था ‘अंडर-ग्राउंड-वायरिंग’ के ज़रिए होगी। नई राजधानी के सभी दफ़्तर
अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित ‘पेपरलेस ऑफ़िस’ होंगे। आधुनिक तकनीक़ से बन रहे इन सभी भवनों की
एक और ख़ासियत इनकी ‘पॉवर सेविंग डिज़ाइन’ है। इन भवनों में
सूर्य की रोशनी और सौर ऊर्जा का भरपूर इस्तेमाल हो सकेगा। सामान्य भवनों की तुलना
में इनका अंदरूनी तापमान कम रहेगा, इस वज़ह से इन्हें वातानुकूलित बनाने में कम
बिजली की ख़पत होगी। नई राजधानी क्षेत्र में भूमिगत जल के स्तर को बनाए रखने और
उन्हें रिचार्ज़ करने के लिए सभी कार्यालयीन और आवासीय भवनों में वाटर
हॉर्वेस्टिंग की व्यवस्था रहेगी। नया रायपुर में बन रहे सभी भवनों का निर्माण भूकंपरोधी
तकनीक़ से किया जा रहा है। सेक्टर-19 में बन रहे मंत्रालय भवन के क़रीब ही स्थित
राखी गांव के बड़े तालाब को छोटी झील के रूप में विकसित करने की योजना है जो इसकी
सुंदरता में चार चांद लगाएगी।
नया रायपुर में
प्रवेश करते ही इसकी आधुनिकता और भव्यता का अहसास होने लगता है। चमचमाती एक्सप्रेस
हाईवे और इसके समानांतर हुए वृक्षारोपण नई राजधानी की ख़ूबसूरती की झलक दिखाते हैं।
हाल ही में 1 अगस्त को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 75 किलोमीटर लंबी ‘सिक्स-लेन’ वाली इन सड़कों को लोगों को समर्पित किया है। नए
मंत्रालय भवन में सरकार के 40 विभाग एक साथ बैठ सकते हैं। सेक्टर-17 और सेक्टर-19
के 67 एकड़ के विशाल क्षेत्र में विभिन्न प्रशासनिक कार्यालयों, मंत्रालय और यहां
काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण किया जा
रहा है। सेक्टर-27 और सेक्टर-29 में हाऊसिंग बोर्ड के आवासीय भवनों का निर्माण
द्रुत गति से चल रहा है। इनके अधिकांश मकान और फ्लैट्स बिक चुके हैं। यह इस बात का
संकेत है कि नया रायपुर केवल शासन-प्रशासन के केंद्र के रूप में ही विकसित नहीं हो
रहा है बल्कि यह रहने के लिए लोगों की पसंदीदा जगह भी बन रही है।
नया रायपुर में 550
एकड़ में प्रस्तावित ‘जंगल सफ़ारी’ और चिड़ियाघर यहां का ख़ास आकर्षण होगा। पचेड़ा
और खंडवा गांव के आस-पास प्राकृतिक रूप में मौज़ूद जंगल को ‘जंगल सफ़ारी’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे लगे खंडवा
जलाशय को एक ख़ूबसूरत झील का रूप देने की योजना है। यहां रहने वाले लोगों को
खुशनुमा माहौल देने और उनके आमोद-प्रमोद के लिए नॉलेज पार्क, एम्यूजमेंट पार्क,
जलाशय, उद्यान एवं स्पोर्ट्स सिटी की स्थापना भी की जाएगी।
60 हज़ार दर्शक क्षमता
वाला देश का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम शहीद वीरनारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय
स्टेडियम परसदा, नया रायपुर में ही है। नया रायपुर के सेक्टर-3 और सेक्टर-4 से लगा
यह स्टेडियम आने वाले समय में प्रदेश में खेल गतिविधियों का केंद्र बनेगा। नया
रायपुर के पश्चिमी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की परंपरागत कला, संस्कृति एवं मानव विकास
की झलक दिखाता पुरखौती मुक्तागंन मौज़ूद है। वहीं नया रायपुर के दक्षिणी छोर पर
स्थित हिदायतुल्लाह विधि विश्वविद्यालय एक श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान के रूप में अपनी
पहचान बना रहा है। ये संस्थाएं नई राजधानी की रौनक बढ़ाएंगी और इसे एक नई पहचान
देगी।
नया रायपुर में
परिवहन के सभी साधन उपलब्ध रहेंगे। आधुनिकतम सुविधाओं से लैस स्वामी विवेकानंद
एयरपोर्ट की दूरी यहां से केवल 15 मिनट में तय की जा सकती है। मंदिरहसौद के निकट
छतौना गांव में नया रायपुर के लिए अलग से रेल्वे स्टेशन प्रस्तावित है। इस नए
स्टेशन से मेट्रो रेल चलाने की भी योजना है। नई राजधानी क्षेत्र में फैले सड़कों
के जाल पर सिटी बसें भी निरंतर दौड़ा करेंगी।
नया रायपुर न केवल
तेज़ी से उभरते छत्तीसगढ़ की राजधानी की तमाम ज़रूरतों को पूरा करेगा बल्कि
क्षेत्र के लोगों के लिए रोज़गार की असीम संभावनाएं भी लेकर आएगा। अल्ट्रा-मॉडर्न
सुविधाओं से लैस, आधुनिक तौर-तरीक़ों वाला सपनों का यह सुनियोजित शहर प्रगति के नए
कीर्तिमान रचते छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान देगा।
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